PPI से UPI पेमेंट पर लगेगा चार्ज, जाने पूरा मामला....
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पर चार्ज को लेकर एनपीसीआई ने बुधवार को स्थिति साफ कर दी. एनपीसीआई की तरफ से बताया गया कि अकाउंट से अकाउंट में किए गए यूपीआई पेमेंट का ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा. पहले खबर में दावा किया जा रहा था कि अब यूपीआई से पेमेंट करने पर 1.1 प्रतिशत का चार्ज देना होगा, जो कि गलत थी. एनपीसीआई के सर्कुलर के अनुसार 2,000 रुपये से ऊपर के ट्रांजेक्शन पर लगने वाली इंटरचेंज फीस प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट ट्रांजेक्शन पर ही लगेगी.
यूपीआई यूजर्स में जबरदस्त इजाफा
पिछले कुछ सालों में यूपीआई यूजर्स में जबरदस्त इजाफा हुआ है. एनपीसीआई की तरफ से यह तो पूरी तरह साफ कर दिया गया कि ग्राहकों की तरफ से यूपीआई को पहले जिस तरह यूज किया जाता रहा है, उसी तरह आने वाले दिनों में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा. लेकिन लोग अभी तक पीपीआई पेमेंट को लेकर कंफ्यूज हैं. आखिर क्या है पीपीआई, आइए जानते हैं?
पीपीआई क्या है?
ऑनलाइन वॉलेट, स्मार्ट वाउचर, स्मार्ट कार्ड और कई अन्य प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI) हैं. एक विशेष प्रीपेड राशि रखते हैं जिसका उपयोग यूजर कोई सामान खरीदने, मोबाइल रिचार्ज आदि के लिए कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, पेटीएम वॉलेट पीपीआई का एक उदाहरण है. आप इसे दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ऐसे पेमेंट ऐप, जिनमें पहले से डाले गए पैसे (वॉलेट या गिफ्ट कार्ड जैसे माध्यम से डाले गए पैसे) से आप कुछ शॉपिंग करते हैं.
NPCI के सर्कुलर में क्या कहा गया?
NPCI के नए सर्कुलर के अनुसार 1 अप्रैल, 2023 से प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रूमेंट (PPI) के जरिये किए गए 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई पेमेंट पर 1.1% का चार्ज लगेगा. यह यूपीआई के जरिये वॉलेट में पैसे एड करने पर भी लागू होगा. UPI के जरिये बैंक टू बैंक ट्रांसफर करने पर किसी तरह का चार्ज नहीं है.
इंटरचेंज फी कौन देगा?
1 अप्रैल, 2023 से मर्चेंट पीपीआई के जरिये किए गए 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर रिसीवर बैंक / पेमेंट प्रोवाइडर को भुगतान करेगा. ग्राहक की तरफ से किसी प्रकार की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा.
यूपीआई के जरिये PPI पेमेंट क्या है?
उदाहरण के लिए यदि आप किसी व्यापारी को पेटीएम वॉलेट के जरिये पेमेंट कर रहे हैं. जब आप मर्चेंट के क्यूआर कोड को स्कैन कर लेते हैं, तो यह आपको सीधे व्यापारी के बैंक खाते में भुगतान करने की अनुमति देगा. अप्रैल से 2000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर 1.1% तक का इंटरचेंज फी लगेगी. जिसका भुगतान व्यापारी को करना होगा.