ग्वालियर ।    कोहरे और खराब मौसम ने ट्रेनों की रफ्तार पर अंकुश लगा दिया है। एक तरफ जहां कोहरे से ट्रेन निरस्त हो रही हैं, वहीं घंटों विलंब से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंच रही हैं। कोहरे ने यात्रियों के सफर को मुसीबत भरा बना दिया है। अधिकांश ट्रेनें एक से बारह घंटे तक की देरी से चल रही हैं। ठंड से बचने के लिए रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, पैसेंजर हाल, बुकिंग हाल फुल हो रहे हैं। रविवार को भी दर्जनभर ट्रेनें दो से छह घंटे तक की देरी से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन की स्थिति की स्पष्ट जानकारी न होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। घने कोहरे के प्रकोप ने एक तरफ जहां आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर रख दिया है, वहीं इसका प्रतिकूल प्रभाव ट्रेन की रफ्तार पर भी पड़ने लगा है। ट्रेनों का घंटों विलंब से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। सर्दी की शुरूआत से ही ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला शुरू हो गया था। लेटलतीफी का यह सिलसिला और अधिक बढ़ गया है। हालत यह है कि हबीबगंज से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस रविवार की रात्रि लगभग 10 बजे के पास ग्वालियर पहुंची, जबकि जबलपुर से आने वाली श्रीधाम एक्सप्रेस को रेलवे ने री-शेड्यूल कर दिया। भोपाल से आने वाली कर्नाटक एक्सप्रेस 4 घंटे 16 मिनट, श्रीधाम एक्सप्रेस 6 घंटे, महाकौशल एक्सप्रेस 1 घंटे 50 मिनट, उत्कल एक्सप्रेस 5 घंटे, शताब्दी एक्सप्रेस 2 घंटे 3 मिनट की देरी से ग्वालियर पहुंची। वहीं नई दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस 1 घंटे 52 मिनट, पंजाब मेल 1 घंटे 58 मिनट, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 2 घंटे की देरी से ग्वालियर पहुंची। आम दिनों में ट्रेनों का संचालन सामान्य बना रहने से भीड़ स्टेशन पर दिखाई नहीं पड़ती है। इन दिनों कोहरे ने यात्रियों के सफर को मुसीबत भरा बना दिया है। अधिकांश ट्रेनें एक से बारह घंटे तक की देरी से चल रही हैं। यात्रियों को घंटों स्टेशन पर गुजारने पड़ रहे हैं। रात में ठंड से बचने के लिए यात्री स्टेशन परिसर में बैठते हैं। क्षमता कम होने से सैकड़ों यात्रियों को प्लेटफार्म व रेलवे परिसर में खुले में बैठकर गुजारना समय पड़ रहा है।