भारत-चीन युद्ध का खतरा बरकरार
हॉन्ग कॉन्ग। रूस-यूक्रेन और इस्राइल हमास युद्ध के बीच लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी तनाव की खबरें सुर्खियों से नदारद भले ही हो गई हैं, लेकिन सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बरकरार है। अमेरिका की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सेना भारतीय सीमा पर लंबे समय तक तैनात रह सकती है और विवादित सीमा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए तनाव का सबब बनी रहेगी। अमेरिका के आर्मी वॉर कॉलेज के स्ट्रैटेजिक स्टडीज इंस्टीट्यूट ने बीते दिनों एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच साल 2020 में सीमा पर हिंसक झड़प हुई थी और उसके बाद से कोई हिंसक घटना नहीं हुई है, लेकिन दोनों तरफ बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं और कोई भी खतरे की गलत गणना सशस्त्र संघर्ष में बदल सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सेना अनिश्चित समय तक अक्साई चिन में एलएसी पर और डोकलाम में तैनात रह सकती है।
चीन ने सीमा पर तैनात किए हजारों सैनिक
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सेना ने अपनी लॉजिस्टिक क्षमताओं में काफी इजाफा किया है। इसी वजह से गलवान की घटना के बाद चीन ने बेहद सीमित समय में बड़ी संख्या में सैनिकों को सीमा पर तैनात कर दिया था। माना जा रहा है कि चीन ने 2020 की घटना के बाद से करीब 10 हजार सैनिकों की सीमा पर तैनाती की है। इनमें इंजीनियर्स और आर्टिलरी के अलावा सपोर्ट स्टाफ भी शामिल है। वहीं अक्साई चिन के 400 किलोमीटर के इलाके में चीन के करीब 20 हजार सैनिक तैनात हैं। साल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों में गलवान में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी कई सैनिक इस संघर्ष में मारे गए थे, लेकिन चीन ने ये बात स्वीकार नहीं की थी।