जम्मू । आमतौर पर दीपावली की आतिशबाजी से वायु प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन इस बार दीपावली के एक-दो दिन बाद तक तो वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य के आसपास ही रहा लेकिन अब प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। जम्मू में शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स(एक्यूआई) 112 रहा, जोकि सामान्य से कहीं अधिक है। दीपावली के अगले दिन जम्मू में एक्यूआई 78 से 100 के बीच था। 
ऐसी संभावना है कि चार नवंबर तक यह एक्यूआई बढ़कर 130 तक पहुंच जाएगा और प्रदूषण का यह स्तर बच्चों व बुजुर्गों के लिए अदृश्य खतरा पैदा करेगा। किसी भी शहर का 70 से 100 के बीच एक्यूआई सामान्य माना जाता है लेकिन 100 से अधिक एक्यूआई होने से हवा में धूल कणों की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि सांस के रास्ते फेफड़ों में जाकर सांस संबंधी रोग पैदा करती है। वायु में पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर प्रदूषण का प्रमाण रहता है। पीएम-10 के मुकाबले पीएम-2.5 अधिक घातक रहता है और शनिवार को जम्मू में पीएम-2.5 का स्तर 40.2 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा जोकि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन(डब्ल्यूएचओ) की ओर से स्वच्छ वायु के निर्धारित मापदंड से आठ गुणा अधिक रहा।
पीएम 2.5 और पीएम 10 वायु गुणवत्ता को मापने का पैमाना है। पीएम का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर जो कि हवा के अंदर सूक्ष्म कणों को मापते हैं। पीएम 2.5 और 10 हवा में मौजूद कणों के आकार को मापते हैं। पीएम का आंकड़ा जितना कम होगा हवा में मौजूद कण उतने ही अधिक छोटे होंगे और आसानी से सांस लेते समय शरीर में जाएंगे। इसलिए पीएम-2.5 को पीएम-10 से अधिक घातक माना जाता है।
पर्यावरण विशेषज्ञों की माने तो अगले कुछ दिनों में अगर बारिश नहीं हुई तो समस्याएं बढ़ जाएगी। पीएम-2.5 का स्तर 40 के ऊपर पहुंचना बच्चों, बुजुर्गों व सांस की बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए घातक है। वायु प्रदूषण का यह स्तर सांस लेने में दिक्कतें पैदा करता है। प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के वैज्ञानिक यश शर्मा के मुताबिक जम्मू में पिछले दो-तीन दिनों में प्रदूषण स्तर काफी बढ़ गया है। बारिश हो जाती है कि तो इससे हवा में मौजूद प्रदूषण कण बैठ जाएंगे, जिससे राहत मिलेगी।