भोपाल।  राजधानी के सबसे पुराने सरकारी अस्पताल हमीदिया में मरीजों के आने-जाने की व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। अस्पताल में मरीजों के आने और जाने की व्यवस्था अलग-अलग दरवाजे होने जा रही है। इसके लिए रॉयल मार्केट की तरफ मौजूदा एक गेट की जगह आने और जाने के लिए दो अलग-अलग गेट लगाए जाएंगे। संभागायुक्त ने रायल मार्केट की तरफ बड़ा गेट बनाने के संबंध में भी इंजीनियरों से चर्चा की। यहां अभी एक ही गेट से आना-जाना होता है। इस वजह से कई बार मेन रोड पर जाम लग जाता है। इसके अलावा नगर निगम की तरफ बनाया गया गेट भी महीने भर के भीतर खोल दिया जाएगा। दो हजार बिस्तर का भवन बनाने की वजह से उसे बंद करा दिया गया था। इमरजेंसी वाले मरीजों को लाने के लिए मजार के पास से भी एक गेट बनाया जाना है। इस तरह हमीदिया में आने-जाने के लिए तीन गेट हो जाएंगे। इसके साथ ही हमीदिया अस्पताल में नया ओपीडी ब्लाक 52 करोड़ रुपये की लागत से मौजूदा ओटी ब्लाक की जगह बनाया जाएगा। इसके लिए गांधी मेडिकल कालेज की स्वशासी समिति के अध्यक्ष और संभागायुक्त गुलशन बामरा ने निर्माण एजेंसी पीआइयू के अधिकारियों डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने को कहा है। संभागायुक्त ने दो हजार बिस्तर वाले नए भवन में सिविल कार्य संबंधी कमियां पूरी करने के बारे में पीआइयू के अधिकारियों और इंजीनियरों से बात की है। हमीदिया अस्पताल की ओपीडी फिलहाल चार जगह संचालित हो रही है। हड्डी रोग और सर्जरी विभाग की ओपीडी ट्रामा ब्लॉक में है। मेडिसिन विभाग की ओपीडी पुराने अस्पताल भवन में है। नेत्र विभाग और पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की कमला नेहरू अस्पताल में जबकि श्रम विभाग की 2000 बिस्तर वाले नए भवन में शिफ्ट हो गई है।जीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि दो हजार बिस्तर वाले भवन में अभी एक ब्लाक शुरू हुआ है। दूसरा ब्लाक भी शुरू होने के बाद पुराने अस्पताल से मरीजों को नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद पुराने भवन को गिराकर उसकी जगह ओपीडी ब्लाक बनाया जाएगा।