गंगा जमना स्कूल के हिजाब और धर्मांतरण मामले के उजागर होने के बाद स्कूल संचालकों के व्यापारों की जांच शुरू की गई, जिसमें सोमवार रात तक जीएसटी टीम ने 78 लाख रुपये से अधिक का टैक्स जमा करवाया है। गंगा जमना की नौ फर्मों पर यह जांच की गई थी और रात तक 78 लाख 68000 रुपये जमा कराया गया। सागर, जबलपुर और दमोह जीएसटी की टीम के द्वारा चार दिन से कार्रवाई की जा रही थी। आगे यह कार्रवाई अभी जारी रहेगी। उधर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए फिर से दबिश दी, लेकिन आरोपी नहीं मिले। गंगा जमना स्कूल के संचालकों की नौ फर्मों पर चार दिन तक दस्तावेज खंगालने के बाद स्टेट जीएसटी ने तकरीबन 78 लाख 68000 रुपये की गड़बड़ी पकड़ी है और यह राशि जमा भी करा दी गई है। सागर, जबलपुर और दमोह की टीमों को सर्चिंग की जिम्मेदारी दी गई थी।

स्टेट जीएसटी को गंगा जमना ग्रुप की नौ फर्म होने की सूचना मिली थी। जिसमें आठ फर्म चालू मिलीं। जबकि एक ऑयल फर्म बंद मिली। इन फार्मों पर 78 लाख रुपये की टैक्स बकाया और पैनाल्टी मिली। जबकि दमोह टीम ने दाल मिल में टैक्स भी बकाया मिला है। 

जबलपुर में पदस्थ प्रभारी ज्वाइंट कमिश्नर एंटी एवेसन ब्यूरो ने बताया कि देर रात तक फर्मों की जांच जारी रही। मालिक उपस्थित न होने की वजह से जांच करने में परेशानी जा रही है। कई बिलों का मिलान करने में समय लग रहा है। इसी तरह स्टॉक में अब्दुल जलील मोहम्मद के बीड़ी स्टॉक में 18 लाख रुपये का अंतर मिला है। सभी टीमों ने अलग-अलग कार्रवाई की है। इसलिए टैक्स बकाया और पैनाल्टी की राशि में अंतर आ सकता है। सबसे ज्यादा टैक्स चोरी तेंदूपत्ता में मिली है, जिसे जमा कराया गया है।

उधर कोतवाली पुलिस ने देर रात फिर स्कूल संचालकों के घर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले। बता दें, धर्मांतरण मामले और जबरदस्ती हिजाब पहनाने के मामले पर स्कूल संचालकों के 11 सदस्यों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। टी आई के साथ बड़ी संख्या में पुलिस अमला फुटेरा मोहल्ला आरोपियों के घर पहुंचा, लेकिन कोई नहीं मिला। इसके बाद धगत चौराहा पर भी एक आरोपी के घर पुलिस पहुंची, लेकिन वह भी नहीं मिला और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।