भोपाल, 30 सितंबर
मध्य प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों का राज्य है। इन संसाधनों का यदि बेहतर प्रयोग किया जाए तो ऊर्जा के बेहतर विकल्प तैयार हो सकते हैं। सौर ऊर्जा भी 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का एक बड़ा माध्यम बन सकता है और मध्य प्रदेश तो इसके लिए एक आदर्श प्रदेश है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा की उपयोगिता को बखूबी समझा और प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़ में एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना को शुरू किया गया। इस परियोजना ने क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है। 750 मेगावाट की क्षमता वाली इस परियोजना को 1590 एकड़ के क्षेत्रफल में स्थापित किया गया है। सौर ऊर्जा संयंत्र की 24 प्रतिशत ऊर्जा दिल्ली मेट्रो संचालन के लिए इस्तेमाल की जाती है।

सीएम शिवराज की दूरगामी नीति के चलते जगमगा रहा है रीवा और मध्यप्रदेश

उन्नत मध्यप्रदेश को साकार करने के लक्ष्य के साथ आरयूएमएस (रीवा अल्ट्रामेगा सोलर लिमिटेड) का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की दूरगामी नीति के चलते प्रदेश में विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा परियोजना संयंत्र की स्थापना की जा सकी। सौर ऊर्जा परियोजना प्रदेश सरकार के ऊर्जा विकास और एसईसीआई का संयुक्त उद्यम है। रीवा सौर ऊर्जा परियोजना कई मायनों में अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं से अलग है। इस परियोजना में विश्व बैंक द्वारा क्लीन टेक्नोलॉजी फंड के तहत भारत को सबसे पहला फंड दिया गया। रीवा गुढ़ सौर ऊर्जा परियोजना संयंत्र की कुल क्षमता का 24 प्रतिशत उपयोग दिल्ली मेट्रो के संचालन में किया जाता है। राज्य के बिजली उत्पादन को बढ़ाने में ये परियोजना महत्वपूर्ण साबित हो रही है। आसपास के किसानों, घरों को बिजली आपूर्ति के साथ ही व्यवसायिक उपक्रमों को भी सौर ऊर्जा परियोजना से बिजली पहुंचाई जाती है। सोलर पार्क निर्माण के तहत परियोजना को केंद्र सरकार से भी सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। इस सौर ऊर्जा परियोजना के माध्यम से रीवा विश्वपटल पर ख्याति प्राप्त कर रहा है।