चेन्नई । दक्षिण की सबसे बड़ी सब्जी मंडी चेन्नई के कोयम्बेडु बाजार में टमाटर की आवक में कमी के कारण टमाटर की कीमत 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। थोक बाजार में कीमत 120 रुपये से लेकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कई व्यापारियों ने सब्जी की बढ़ती कीमतों और सब्जी की खरीद में कमी के कारण अपनी परेशानी भी साझा की।
टमाटर और आलू के थोक व्यापारी ने बताया कि आम तौर पर 800 टन टमाटर वैकल्पिक दिनों में बाजार में पहुंचता है और अब यह तेजी से घटकर 250 टन हो गया है। व्यापारियों के अनुसार, टमाटर की कम आवक कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही भारी बारिश से नष्ट हुई फसलों के कारण है। टमाटर की खपत भी कम हो गई है क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण लोग टमाटर से दूरी बनाना पसंद कर रहे हैं।
महिला गृहिणी ने बताया कि हमने अपने सब्जी पैक में से टमाटर कम कर दिए हैं। अगर हमें खरीदने का मन होता है, तब हम 50 रुपये का टमाटर खरीदते हैं। अब एक किलो टमाटर खरीदने की बातें पुरानी हो गई है। वहीं व्यापारी सीतानाथ ने कहा, खुदरा व्यापारियों के लिए इस बाजार में टिके रहना बहुत मुश्किल है। टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें उत्पाद बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। मुझे नहीं पता कि आगे कैसे बढ़ें, क्योंकि अधिकांश परिवारों ने टमाटर खरीदना बंद कर दिया है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बारिश के आगमन के साथ पूरे तमिलनाडु में टमाटर महंगा हो गया है।
तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब थी और जो लोग टमाटर खरीदना चाहते थे उनमें से अधिकांश सार्वजनिक बाजार पर निर्भर थे। व्यापारियों को यह भी चिंता है कि टमाटर की बढ़ती कीमत उपभोक्ताओं को सब्जी से दूर कर देगी। आंध्र और कर्नाटक में जारी बारिश एक बड़ी समस्या है जो व्यापारियों को परेशान कर रही है। केरल से आने वाले टमाटर की मात्रा कम हो गई है और अगर खेती वाले क्षेत्रों में उत्पाद उपलब्ध नहीं होता है, तब आने वाले कुछ हफ्तों में कीमतें ऐसी ही रहेगी।