भोपाल। जनवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले ही अब तक 11 हजार करोड़ का निवेश तो प्रदेश में कन्फर्म हो चुका है। नवंबर में मुंबई पहुंची उद्योग विभाग की टीम के साथ फार्मा कंपनियों ने डेढ़ हजार करोड़ के निवेश की अनुमति दी तो बेंगलुरु में आईटी टेक्सटाइल और अन्य सेक्टर में 3 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करने की मंशा अलग-अलग समूह ने जताई। इसके अलावा सीएम हाउस पर अलग-अलग सेक्टर के उद्यमियों का मिलना जारी है। पिछले दो दिनों में मिले चार अलग-अलग ग्रुप ने प्रदेश में खासकर इंदौर-उज्जैन और भोपाल सेक्टर में सात हजार करोड़ से ज्यादा निवेश की चर्चा भी सीएम शिवराज सिंह चौहान से की है।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम लगातार निवेशकों से मिल रहे हैं। मप्र औद्योगिक विकास निगम के एमडी मनीष सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री का मानना है कि निवेश की दृष्टि से प्रदेश एक आदर्श राज्य बना है। निवेशकों को राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसी क्रम में रॉक फॉस्फेट से खान निर्माण की यूनिट शुरू करने के काम को भी तेजी मिलने की राह खुली है। नए प्रस्तावों के मुताबिक प्रदेश में 7 हजार 775 करोड़ का निवेश और 5300 से ज्यादा लोगों को रोजगार इसी सेक्टर में मिलेगा।
हाइड्रो पॉवर में मिला निवेश का बड़ा प्रस्ताव
सीएम ने इंडियन फॉस्फेट लि. के प्रबंध संचालक रविंदर सिंह से मुलाकात की। रविंदर सिंह ने बताया कि झाबुआ के मेघनगर में 200 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट की स्थापना कर रहे हैं। इससे प्रदेश में किसानों को एसएसपी और डीएपी के लिए अन्य प्रदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सिंगल सुपर फॉस्फेट के संयंत्र से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इंडियन फॉस्फेट लि. सागर जिले में डीएपी प्लांट के लिए भी निवेश कर रहा है। मेसर्स ग्रीनको ग्रुप के एमडी अनिल कुमार चलमाशेट्टी ने सीएम को बताया कि वे नीमच के गांधी नगर में 1440 मेगावॉट का पम्पड स्टोरेज प्लांट लगा रहे हैं। इस पर 7200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रदेश में हाइड्रो पॉवर को बढ़ावा देने की यह परियोजना है। इस प्रोजेक्ट से बिजली की दर में कमी की भी संभावना है। ग्रीनको ग्रुप की सहयोगी कंपनी पनारी एनर्जी पन्ना में पम्प स्टोरेज के प्रोजेक्ट के लिए इच्छुक है। इससे लगभग ढाई हजार लोग रोजगार से जुड़ेंगे। इसके अलावा सीहोर और पन्ना में भी निवेश के लिए निवेशक मिले हैं।