भोपाल  । प्रदेश के जिला अस्पताल भिंड में एक  गर्भवती महिला को अस्पताल से लौटा दिया गया। अस्पताल के दरवाजे के बाहर महिला को प्रसव होने से बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद स्वजन ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। स्वजन का आरोप था कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा प्रसूता के उपचार करने के बदले में पांच हजार रुपये की मांग की गई। जब हम लोगों ने रुपये देने से इनकार किया तो डॉक्टर ने उपचार करने से मना कर दिया। प्रसूता को समय पर उपचार न मिलने की वजह से गेट पर ही प्रसव हो गया। इस वजह से बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद आनन-फानन में प्रसूता को वार्ड में भर्ती किया गया। जहां उसका उपचार चल रहा है। वहीं अब जिला अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी इस मामले की जांच कराए जाने की बात कर रहे हैं। श्रीकृष्ण मिर्धा निवासी रनूपुरा थाना बरासों ने बताया कि मेरी भाभी 25 वर्षीय कल्लो पत्नी रामलखन मिर्धा को सोमवार की रात प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इसके बाद गांव की सरपंच की गाड़ी से मैं अपनी भाभी और मां को लेकर जिला अस्पताल में पहुंचा। रात 11 बजे ड्यूटी पर महिला डाक्टर मौजूद थीं। उन्होंने मेरी मां से कहा कि प्रसूता की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दो। जब हमने अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट न होने की बात कही तो डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा उपचार के नाम पर 5 हजार रुपये मांगे गए। जब मैंने डॉक्टर से कहा कि मेरे पास रुपये नहीं हैं, तो उन्होंने उपचार करने से साफ इनकार कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि यहां उपचार नहीं हो पाएगा। इस दौरान मेरी भाभी दर्द से छटपटाती रहीं। वहीं जब मैं उपचार के लिए अपनी भाभी को निजी अस्पतल में ले जा रहा था, तभी अस्पताल के गेट के पास मेरी भाभी का प्रसव हो गया। इस वजह से बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी हरकत में आए और मेरी भाभी को वार्ड में भर्ती किया गया। प्रसूता के देवर ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की अनदेखी की वजह से बच्चे की मौत हुई है। अगर समय पर उपचार शुरू कर दिया जाता तो यह हादसा नहीं होता। स्वजन के हंगामे के बाद प्रसूता को वार्ड में किया भर्तीः सोमवार की रात अस्पताल के गेट के बाहर प्रसव के बाद हुई बच्चे की मौत को लेकर स्वजन ने जमकर हंगामा किया। वहीं डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर उपचार के नाम पर पांच हजार रुपये मांगने का आरोप भी लगाया। हंगामा बढ़ता देख जिला अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद प्रसूता को उपचार के लिए वार्ड में भर्ती कराया गया। वहीं सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार गोयल का कहना है कि प्रसूता को 6 माह का गर्भ था। डॉक्टर का कहना था कि प्रसूता के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई थी।