भोपाल    एक राज्य के रूप में मध्य प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। किंतु अब इसकी दृष्टि आसमान छूने की ओर है। आज यह सोचने का समय है कि मध्य प्रदेश को अगले दस वर्षों में कहां पहुंचना है, कैसे आत्मनिर्भर भारत से कदम मिलाते हुए स्वयं को आत्मनिर्भर बनाना है और कैसे शिक्षा, उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य सहित हर दिशा में आगे बढ़ना है।

इंफ्रास्ट्रक्चर : थोड़ा है, थोड़े की जरूरत

अभी यह स्थिति : बीते करीब डेढ़ दश्ाक में मध्य प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थात सड़क, बिजली, पानी में सुधार हुआ है। किंतु अन्य बड़े राज्यों के मुकाबले यह कम है। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान अभी मप्र से बेहतर हैं।

यह करना होगा : सड़कों को और बेहतर करना होगा। बिजली महंगी है, इसे सस्ती करना होगा। उद्योगों को सुविधाएं देनी होंगी ताकि वे पनपे और रोजगार सृजित हो।

ऊर्जा : बदलनी होंगी प्राथमिकताएं

अभी यह स्थिति : वर्तमान में उुर्जा के मामले में मध्य प्रदेश आत्मनिर्भर नहीं है। पेट्रोल-डीजल दूसरे देशों से आता है, कोयला अन्य राज्यों से लेना पड़ता है। सौर ऊर्जा की प्लेटें बाहर से मंगवानी पड़ती है।

यह करना होगा : पनबिजली व सौर ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं पर अच्छा काम हुआ है, लेकिन अब इसमें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ना होगा। ऊर्जा में सरप्लस बनना होगा।

उद्योग : कुछ हुआ, अब कुछ और करें

अभी यह स्थिति : प्रदेश में उद्योगों की स्थिति यूं तो बेहतर है, किंतु राज्य की क्षमता के अनुसार हमारे यहां उद्योग अब भी नहीं हैं। गुजरात मध्य प्रदेश से छोटा है, लेकिन उद्योगों में हमसे कहीं आगे है। मध्य प्रदेश को इस बारे में सोचना होगा।

यह करना होगा : विभिन्न् क्षेत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुसार नीतियां बनानी होंगी, ताकि जिस क्षेत्र की जो विशेषता है, वैसा ही उद्योग वहां स्थापित हो। छोटे उद्योगों को सुविधाएं देनी होंगी, बड़े उद्योग आमंत्रित करने होंगे।

निवेश : क्षमता का करना होगा पूर्ण दोहन

अभी यह स्थिति : शिवराज सरकार आने के बाद से प्रदेश में इंवेस्टर्स समिट हो रही हैं और निवेशकों ने रुचि दिखाई है। किंतु जो हुआ है, उससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता। आज भी निवेशकों की प्राथमिकता में मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के मुकाबले पीछे है।

यह करना होगा : एमओयू को ठोस निवेश में बदलें। निवेशकों के लिए आसान नीति बनाएं। सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो और सभी अनुमतियां एक जगह से मिलें।

पर्यटन : संभावना भरपूर, पर्यटक दूर

अभी यह स्थिति : मध्य प्रदेश में वन्य पर्यटन और धर्म पर्यटन की जितनी संभावनाएं हैं, उतनी देश के कम ही प्रदेशों में है। बाघों की गौरवभूमि और मंदिरों की धरती होने के बावजूद पर्यटक अभी कम आ रहे हैं।

यह करना होगा : मध्य प्रदेश को अपनी पर्यटन नीति का सरलीकरण करते हुए इसे लोकप्रिय बनाना होगा। बाघ, चीता, हाथी की भूमि का होने के गौरव का देश में आक्रामक ढंग से प्रचार-प्रसार करना होगा।

आत्मनिर्भर : बनना होगा निर्माण फैक्ट्री

अभी यह स्थिति : मध्य प्रदेश अभी ऐसी बहुत कम चीजों का उत्पादन करता है, जो बाहर निर्यात होती हों। हम अब भी कृषि आधारित चीजों पर अधिक निर्भर हैं। हमें बाजार की जरूरतों के दृष्टिकोण से सोचना होगा।

यह करना होगा : मप्र में देश की निर्माण फैक्ट्री बनने की पूरी संभावनाएं हैं। प्रचुर भूमि, सस्ता श्रम, ब्रिलियंट सोच वाले युवा आदि का इस तरह उपयोग हो कि यहां ड्रोन निर्माण, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण आदि पर काम हो।