खुफिया रिपोर्ट में सामने आई पाकिस्तान-चीन की साजिश...
ढाका । बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद भंग कर दी है। देश की पूर्व पीएम खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मंगलवार दोपहर 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ 2 महीने से जारी प्रदर्शन में सोमवार को जमकर हिंसा हुई थी। इसके बाद वे पद से इस्तीफा देकर भारत पहुंची थीं। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के पीछे एक बड़ी साजिश थी। इसके लिए बकायदा टूलकिट के माध्यम से एक आंदोलन चलाया गया। इस बात का खुलासा एक खुफिया रिपोट्र्स में हुआ है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और चीन के षड्यंत्र का पर्दाफाश किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि टूलकिट के जरिए ही सरकारी नौकरी में कोटा के खिलाफ शुरु हुए आंदोलन को सरकार विरोधी आंदोलन में बदल दिया गया। सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इतना ज्यादा भडक़ाया गया कि छात्रों, पुलिस और सरकार समर्थक समूहों के बीच झड़पें तेज हो गईं। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों और अवामी लीग के कार्यालयों पर भी हमला कर दिया।
रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि कैसे बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) और पाकिस्तान की आईएसआई बांग्लादेश में अशांति को बढ़ावा देने में शामिल हैं। पाकिस्तान की आईएसआई कथित तौर पर बीएनपी के कार्यवाहक प्रमुख तारिक रहमान के साथ मिलकर लंदन में अपने ठिकाने से योजनाएं बना रही है। इन योजनाओं को कथित तौर पर बांग्लादेश में लागू किया जा रहा था। बांग्लादेश के अधिकारियों ने सऊदी अरब में तारिक रहमान और आईएसआई अधिकारियों के बीच बैठकों के सबूत होने का दावा किया है, जिससे बीएनपी नेता के साथ आईएसआई की सक्रिय भागीदारी का संकेत मिलता है। रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की सेना और आईएसआई ने मिलकर शेख हसीना की सरकार को अस्थिर करने और विरोध प्रदर्शनों के साथ हिंसा के जरिए बीएनपी को सत्ता में लाने का काम किया है। प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का खुलेआम समर्थन करके अशांति को बढ़ावा दे रही है।
बांग्लादेश विरोध प्रदर्शनों के दौरान सोशल मीडिया गतिविधि को स्कैन करने पर पाया गया कि आवामी लीग के खिलाफ ज्यादातर पोस्ट के साथ-साथ शेख हसीना को बदनाम करने वाले पोस्टर बीएनपी और इसके मीडिया सेल और छात्र विंग सहित इसके संबद्ध अकाउंट द्वारा किए जा रहे थे। इनमें काफी अकाउंट्स अमेरिका से ऑपरेट करते लग रहे ते। दोनों के बीच संभावित संबंध को समझने के लिए हमने बीएनपी से जुड़े पेजों की पारदर्शिता की जांच की। बीएनपी और उसके सहयोगी विंग और पार्टी के कुछ राजनेताओं के फेसबुक पेजों की पारदर्शिता की जांच करने पर हमने प्रत्यक्ष विदेशी हस्तक्षेप देखा। जबकि इन पेजों के कुछ एडमिन बांग्लादेश के हैं, अन्य संयुक्त राज्य अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों से हैं।