भोपाल ।   राजधानी में 18 से 21 नवंबर तक होने जा रहे इज्तिमा में साफ-सफाई को लेकर इस बार नए प्रयोग किए जा रहे हैं। गीला-सूखा कचरा के साथ 19 प्रकार के कचरे को अलग-अलग निष्पादित किया जाएगा। इस कचरे को इकठ्ठा कर निष्पादन स्थल तक पहुंचाने के लिए नगर निगम और जिला पंचायत के सफाई कर्मियों के साथ इज्तिमा समिति के 400 वालंटियर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि इज्तिमा में 10 लाख जमातियों के पहुंचने की उम्मीद है। इनके द्वारा निकलने वाला कचरा आयोजन स्थल से तुरंत उठा लिया जाएगा और इसका अलग-अलग निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए 19 तरह के कचरे को अलग-अलग करने की योजना बनाई गई है। इसमें प्लास्टिक, पैड, पीवीसी, ग्लास, ग्रेबोर्ड, ईवेस्ट, कागज, कांच, कांच की बोतल, लोहा, रबर, सिर के बाल, उच्च घनत्व वाली पालीथिन, कारपेट, दूध की थैलियां, बचा हुआ खाना, पेपर कप और हड्डी समेत अन्य कचरा शामिल है। इस कचरे को प्रेस कर गोविंदपुरा, मंडीदीप और पीलूखेड़ी में स्थित रिसायकलर्स के पास भेजा जाएगा। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति भी ली गई है।

वालंटियर्स को जारी होंगे आइडी कार्ड

आयोजन समिति द्वारा इज्तिमा परिसर की साफ-सफाई के लिए 400 वालंटियर्स की ड्यूटी लगाई है। इन्हें आइडी कार्ड भी जा रही किए जाएंगे। इन वालंटियर को प्रशिक्षण भी दिया गया है। 20 वालंटियर पर एक ग्रुप लीडर होगा। जो इनके बीच समन्वय का काम संभालेंगे।

गीले कचरे से बनेगी खाद और बायो गैस

आयोजन स्थल पर निकलने वाला बचा हुआ खाना और अन्य गीले कचरे से खाद और बायो गैस बनाई जाएगी। पिछली बार इज्तिमा से निकले गीले कचरे से पांच टन जैविक खाद का निर्माण किया गया था। साथ ही 250 क्विंटल बायो गैस भी बनाई गई थी। बीते दो वर्षों से भोपाल में इज्तिमा का आयोजन नहीं हुआ है। इसलिए इस बार आयोजन में शामिल होने के लिए लोगों में अधिक उत्साह है। वहीं आयोजन समिति भी कचरा और सीवेज के अलावा नए-नए नवाचार करने जा रहा है।

- इम्तियाज अली, अध्यक्ष मप्र ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन सलाहकार समिति