अगरतला । त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दावा किया कि राज्य में इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘जन विश्वास यात्रा’ को अभी तक ‘बेहद शानदार प्रतिक्रिया’ मिली है। सीएम ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा 12 जनवरी को त्रिपुरा आकर पार्टी की आठ दिनों की इस यात्रा में हिस्सा लेने वाले हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पांच जनवरी को अगरतला में ‘जन विश्वास यात्रा’ की शुरुआत की थी। साहा ने कहा हमें उम्मीद के मुताबिक लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। यात्रा के प्रति समर्थन जताने के लिए राज्य के नागरिक घरों से बाहर निकलकर शंख बजाते नजर आए। यहां त्यौहार जैसी स्थिति है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा 12 जनवरी को यात्रा के समापन के दिन इसमें शिरकत करने वाले हैं। 
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘जन विश्वास यात्रा’ इस त्रिपुरा में ‘रथयात्रा’ बताया जा रहा है गुरुवार को अगरतला के उमाकांत मैदान में समाप्त होगी जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा एक जनसभा को भी संबोधित करने वाले हैं। उन्होंने कहा नड्डा जी 12 जनवरी को पूर्वाह्न 12 बजे एमबीबी हवाई अड्डे पर उतरने के बाद अगरतला के बाहरी इलाके में स्थित सीमावर्ती गांव लंकामुरा जाएंगे जहां वह स्थानीय लोगों से संवाद करने वाले हैं। वह इस बात का पता लगाएंगे कि इन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि नड्डा राज्य से रवाना होने से पहले त्रिपुरा में पार्टी की कोर समिति के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी। 
साहा ने दावा किया कि ‘जन विश्वास यात्रा’ के खत्म होने तक भाजपा नेता और कार्यकर्ता ‘चुनाव के लिए तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा उचित समय पर विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी करेगी। किसी दल से गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा फिलहाल सत्तारूढ़ गठबंधन के बाहर किसी भी दल से हाथ मिलाने की कोई योजना नहीं है लेकिन कभी भी कुछ भी हो सकता है क्योंकि हमारे दरवाजे हमेशा से ही सभी के लिए खुले रहे हैं।
साहा ने दावा किया कि अगले चुनावों में भाजपा 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में अपनी सीटों के आंकड़े में सुधार करेगी। मौजूदा समय में त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा के 36 सदस्य हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा उनके बीच हमेशा साठगांठ होती है। पश्चिम बंगाल में भी ऐसी पहल की गई थी लेकिन यह नाकाम रही। अगर त्रिपुरा में कोई गठबंधन बनता है तब वह विफल साबित होगा।