इंदौर | कहते हैं नक्सली क्षेत्र में खेल स्पर्धाएं आयोजित की जाएं तो वहां के युवा बंदूकें छोड़ हाकी और बल्ले थाम लेते हैं। दुनियाभर में कई बार इस तरह के उदाहरण देखने को भी मिले हैं जो यह बताते हैं कि खेलों का किसी इंसान और राष्ट्र के निर्माण में कितना महत्व है। इन सब उदाहरणों के बावजूद आज भी भारत में खेलों के प्रति उतनी गंभीरता नहीं हैं जितनी गंभीरता दुनिया के अन्य देशों में दिखाई देती है। इसी वजह से भारत आज भी खेलों के मामले में उन देशों से पीछे है जिनकी आबादी हमारे शहरों की आबादी से भी कम है। इंदौर का प्रकाश हाकी क्लब वह क्लब है जिसने देश को सैंकड़ों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। 83 साल पुराने इस क्लब के युवा खिलाड़ियों को आज फुटपाथ पर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। रेसीडेंसी के सामने बने इस क्लब के मैदान को निगम ने कचरा ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए ले लिया है। अब इस क्लब के खिलाड़ी डेली कालेज के सामने फुटपाथ पर खेलने के लिए मजबूर हैं। इन खिलाड़ियों में कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी हैं जो यहीं पर अभ्यास कर रहे हैं।