भोपाल।  नगर निगम द्वारा बीते दो दिन में सभी 85 वार्ड के प्रभारियों से चर्चा कर बड़े बकायादारों की एक लिस्ट तैयार की गई है जिनमें 150 से ज्यादा नाम शामिल हैं। इनमें से अधिकांश ऐसी सपंत्तियां शामिल हैं जिनका दस वर्षों से अधिक समय से राजस्व बकाया है। वहीं कई ऐसे खातेदार भी हैं जिन्होंने अब तक खाता ही नहीं खुलवाया है। इनसे 20 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करनी है। जोन स्तर पर कार्रवाई करने के लिए नगर निगम मुख्यालय में वार्ड प्रभारी और जेडओ को प्रशिक्षण दिया गया है। इस सूची में राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों को अलग रखा गया है।
बता दें कि निगम के खातेदारों में भाजपा और कांग्रेस कार्यालयों पर भी वर्षों से टैक्स बकाया है। इन खातों में अधिकांश खाते बड़े संस्थान बिल्डर्स और ऐसी अवैध कालोनियों के मालिक हैं जहां से अभी तक निगम को सुविधाएं प्रदान करने या नगर पालिक अधिनियम के तहत आज तक टैक्स दिया ही नहीं गया है। हालांकि बकायादारों पर टैक्स की राशि तो तय लक्ष्य से कई ज्यादा है लेकिन अभी तक दिसंबर अंत तक बीस करोड़ की राशि इन लोगों से वसूलने पर जोर है। इसमें जल और संपत्तिकर के साथ निगम स्वामित्व के दुकानों का किराया शामिल है। दो दिन चले मंथन के बाद तय किया गया है कि वार्ड स्तर पर दस हजार से ज्यादा के बड़े बकायादारों पर वार्ड स्तर पर वसूली के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर पहल नहीं होगी। बल्कि वार्ड प्रभारियों को संबंधित खातेदारों को फोन करके या उनके घर जाकर वसूली करने के निर्देश दिए हैं।