भोपाल । भेल भोपाल अब वंदे भारत ट्रेन के लिए मोटर एवं अन्य उपकरण बनाएगा। भेल वंदे भारत ट्रेन को विकसित करने के लिए टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड(टीडब्ल्यूएल)के साथ काम करेगा।  इसके लिए भेल को रेलवे से 23 हजार करोड़ रुपये का टेंडर मिला है। ट्रेनों के विकास के लिए यह भेल को मिलने वाला सबसे बड़ा आर्डर माना जा रहा है। इसके तहत 80 वंदे भारत ट्रेन को विकसित किया जाएगा। भेल इस ट्रेन के इंजनों में लगने वाली विद्युत ट्रेक्शन मोटर व अन्य उपकरण बनाएंगी। भेल की भोपाल, झांसी, बेंगलुरु मोटर, इलेक्ट्रिक उपकरण निर्मित करेगी। भेल भोपल में विशेष रूप से ट्रेक्शन मोटरें बनाई जाएंगी। बाकी उपकरण झांसी व बेंगलुरु में बनेंगे। भेल के वरिष्ठ प्रवक्ता विनोदानंद झा ने बताया कि भेल वंदे भारत ट्रेन विकसित करने में सक्षम हैं। दिल्ली भेल मुख्यालय स्तर पर आर्डर मिला है। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर भेल भोपाल में किस डिजाइन की मोटर व उपकरण बनने हैं, यह सब तय होगा। अब तक देश में 15 वंदे भारत ट्रेन के विकास में भेल का योगदान है। आर्डर मिलने के बाद भेल वंदे भारत ट्रेन को विकसित करने में अहम भूमिक निभाएगा। भेल का ट्रेन विकास में अहम योगदान रहा है। भारी उपकरण बनाने में भेल को महारथ हासिल है। अभी भेल भोपाल में 6000 से 69000 हार्स पावर ट्रेन के इंजन की ट्रेक्शन मोटर बनती हैं। भेल दिल्ली मुख्यालय स्तर पर भेल व जापान की कावासाकी कंपनी से मेट्रो विकास के लिए करार वर्ष-2017 में हुआ था। इस समझौते तहत भेल को 15 वर्ष तक जापान की कंपनी के साथ मिलकर 1500 मेट्रो ट्रेन के लिए स्टील के कोच बनाने थे। इससे भेल के टर्नओवर में दो हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी होनी थी। भेल कारखाने में मेट्रो ट्रेन के कोच बनाने के लिए अलग से ब्लाक बनाया जाना था, लेकिन अब तक आर्डर नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो सका।वंदे भारत ट्रेन के इंजनों में लगने वाली मोटरों की डिजाइन मिलने के बाद उसी हिसाब से मोटर बनाने का काम किया जाएगा। ट्रेन में लगने वाले अन्य इलेक्ट्रिक उपकरण भेल की अन्य यूनिट बेंगलुरु में काम शुरू किया जाएगा।