भोपाल । श्योपुर के कूनो अभयारण्य में चीतों के आने से न केवल वन्य जीव इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है बल्कि पर्यटन को भी पंख लगने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में पर्यटकों के लिए उन गांवों में थ्री स्टार रिसार्ट बन रहा है, जहां कभी पानी तक नसीब नहीं होता था। कूनो के राह में पडऩे वाले किलों को भी इसके लिए तैयार करने की योजना है। चीतों के कूनो आने की आहट होते ही क्षेत्र में पर्यटकों के लिए होटल और रिसार्ट निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। पार्क के सेसईपुरा से कूनो गेट के बीच मोरावन गांव में रिसार्ट तैयार हो रहा है। थ्री-स्टार सुविधाओं वाले इस रिसार्ट की बाहरी डिजाइन को पालपुर में सिंधिया स्टेट की गढ़ी की तर्ज पर तैयार किया गया है। सीमावर्ती राज्य राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित नाहरगढ़ होटल के मालिक ने भी क्षेत्र में होटल निर्माण के लिए जमीन देखी है। इंदौर के होलकर घराने के वंशज और महेश्वर के देवी अहिल्या रिसार्ट के संचालक यशवंत राव होल्कर ने भी श्योपुर में रिसार्ट खोलने की सहमति दी है। सैसईपुरा से टिकटोली गेट तक रास्ते में पहले लोगों को पानी तक नसीब नहीं होता था। डेढ़ दशक पहले तक कराहल क्षेत्र डकैत प्रभावित रहा था। लोग दिन में भी निकलने से डरते थे, लेकिन चीते आने की हलचल शुरू होने के बाद से ही क्षेत्र की किस्मत चमक गई है।

गांव में खूब मिल रहा है काम
ग्रामीण सरजू बाई, हरकू बाई का कहना है कि गांव में होटल बनने से काम भी खूब मिल रहा है। सीमावर्ती जिले शिवपुरी में स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान में दिसंबर के अंत तक बाघ लाए जाने की स्वीकृति मिल चुकी है। ऐसे में सैलानियों के लिए नरवर किले को हेरिटेज होटल में बदलने की योजना तैयार की जा रही है। सरकार ने इसके लिए सब्सिडी देने की बात भी कही है। होटल के साथ रोप वे भी शुरू किया जाएगा।