मुंबई । महाराष्ट्र में बहुत जल्द मानसून का आगमन होने वाला है। संभावना हैं कि 11 जून के आसपास मुंबई में आ जाए है। हर साल की तरह इस बार भी मानसून के आने से पहले सरकारी एजेंसियां ​​और नागरिक प्राधिकरण प्री-सीजन की तैयारियों को पूरा करने और नियंत्रण कक्ष स्थापित करने में व्यस्त हैं। औसत मुंबईकर को उम्मीद है कि इस बार लोकल ट्रेनों की स्पीड नहीं थमेगी। 
बता दें कि साल 2021 में, भारी बारिश के कारण बाढ़ ने सात दिनों के लिए लोकल ट्रेनों की सेवा प्रभावित हो गई थी। खासतौर पर मध्य रेलवे में सायन और परेल में मानसून का सबसे ज्यादा बुरा असर दिखा था। इसके अलावा पश्चिम रेलवे में माटुंगा रोड, चर्नी रोड और ग्रांट रोड प्रभावित हुआ था। 
इस वर्ष, हालांकि, रेलवे ने दावा किया है कि माइक्रो-टनलिंग कार्य किए जाने और पंपों को स्थापित करने के कारण 2021 वाली स्थिति फिर से नहीं होगी। माइक्रो-टनलिंग में पटरियों के 2-3 मीटर नीचे मिनी-ड्रेन का निर्माण शामिल है। मिनी नालियां वर्षा जल नालियों से जुड़ी होती हैं जो फिर रेल की पटरियों से पानी को बाहर निकालती हैं, जिससे भारी बारिश के दौरान अतिरिक्त जलभराव को रोका जाएगा है। दिवा-कलवा, विक्रोली-कांजुरमार्ग और सायन-कुर्ला स्टेशनों के साथ-साथ सेंट्रल लाइन पर पश्चिमी लाइन पर माइक्रो-टनलिंग का काम हुआ है।  मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवराज मानसपुरे ने कहा, मुंबई के मानसून संकट की बात करें तब माइक्रो-टनलिंग एक सफलता साबित हुई है। यह प्रक्रिया महामारी के दौरान शुरू हुई थी, यही वजह है कि हमने पिछले साल बाढ़ की स्थिति ज्यादा नहीं देखी। इस साल भी, हम उम्मीद कर रहे हैं कि यात्रियों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना होगा, अगर जल-जमाव होता है, तब यह तेजी से दूर होगा। 
माइक्रो-टनलिंग के अलावा और पंप लगाए गए हैं और नालों की सफाई के साथ-साथ पेड़ों की छंटाई, मलबा हटाने और पटरियों को उठाने का काम किया गया है। साथ ही अन्य उपायों के साथ रेलवे द्वारा एक 24×7 नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।