मानसून की दृष्टि से अंतिम सप्ताह ढीला, माहांत तक कम है वर्षा की संभावना मौसम पस्त नजर आ रहा है। वातावरण से नमी गायब हो रही है। अगस्त विदाई की बेला पर है। मानसून की दृष्टि से अंतिम सप्ताह ढीला नजर आ रहा है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस सप्ताह वर्षा की संभावना कम है। आसमान साफ रह सकता है। प्रकृति में हरियाली बनी रहेगी।

मौसम में बदलाव का दौर प्रारंभ हो गया है। मानसूनी गतिविधियों पर अल्प विराम लग गया है। न्यायधानी में तीन दिनों से वर्षा की स्थिति शून्य है। उमस का अहसास होने लगा है। दिन का अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 33.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।

मौसम वेधशाला के मौसम विज्ञानी डा. एचपी चंद्रा के मुताबिक मानसून द्रोणिका का पश्चिमी छोर हिमालय की तराई में बना हुआ है और पूर्वी छोर माध्य समुद्र तल पर गोरखपुर, दरभंगा, बालूरघाट और उसके बाद पूर्व की ओर मणिपुर तक स्थित है। जिसके कारण वर्षा की संभावना बन सकती है लेकिन अभी दो तीन दिनों में मुश्किल है।

सितंबर के पहले सप्ताह में वर्षा की आस मौसम विशेषज्ञ सिराज खान का कहना है कि दो सितंबर से सात सितंबर या उसके बाद तक बंगाल की खाड़ी में बनने वाले निम्न दाब का क्षेत्र के कारण छत्तीसगढ, पूर्वी मध्य प्रदेश व पूर्वी विदर्भ में हल्की से मध्यम वर्षा गरज-चमक के साथ होने की संभावना है। मानसून टर्फ लाइन का पश्चिमी छोर हिमालय की तराई क्षेत्र में स्थित होने के कारण निम्न दाब का क्षेत्र पश्चिम की दिशा में ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए पूर्वी व मध्य भारत में सितंबर के पहले सप्ताह में अच्छी वर्षा होने की आशा है।

आज आसमान खुला रहेगा, मौसम शुष्क प्रदेश में 28 अगस्त को एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात भी होने की संभावना है। अधिकतम तापमान में वृद्धि संभावित है। सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर संभाग के जिले मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः बस्तर संभाग और उससे लगे जिले हैं।