नई दिल्ली । प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी -पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि का प्रदर्शन बेहतर है और इसे बरकरार रखने के लिए अब कुछ प्रयासों की जरूरत होगी, क्योंकि बाहरी माहौल की चिंताएं पूरी तरह दूर नहीं हुई हैं। यदि मौसम की स्थिति और मानसून अनुकूल रहा तो लगता है ‎कि खाने की वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी। यह ऐसी स्थितियां बनाएगा जो सात प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि के लिए अनुकूल होंगी, जिससे कुछ हद तक अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भी आगे बढ़ा जा सकेगा। सान्याल ने एक साक्षात्कार में कहा ‎कि वर्ष 2023 के अंतिम तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत बढ़ी जो डेढ़ साल में सबसे तेज है। अक्टूबर-दिसंबर में वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में 7.6 प्रतिशत से अधिक रही और इससे पिछले वित्त वर्ष के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक ले जाने में मदद मिली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य ने कहा ‎कि पश्चिम एशिया में तनाव, यूक्रेनी हमलों में रूसी तेल सुविधाओं का नष्ट होना तथा कई अन्य कारणों से हाल ही में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई और यह 91 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची। ऊंचे खाद्य कीमतों के दीर्घकालिक समाधान के बारे में पूछे जाने पर सान्याल ने कहा कि ऊंची खाद्य कीमतें काफी हद तक उत्पादन संबंधी नहीं बल्कि वास्तव में भंडारण की समस्या है।