नई दिल्ली| कथित मानवाधिकार उल्लंघन की बात बोलकर पाकिस्तान हर जगह जम्मू-कश्मीर का राग अलापता रहता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान फिर से मानवाधिकार उल्लंघन का दावा दोहराया। जिस पर भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि, वैश्विक समुदाय के सभी गंभीर और कर्तव्यनिष्ठ सदस्यों की अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार से आतंकवाद को खत्म करने की भूमिका और जिम्मेदारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शनिवार को एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर दशकों से इसी तरह के और निरंतर आतंकवादी अभियान का गवाह रहा है। बागची ने बयान में कहा, विदेशी नागरिक वहां और भारत के अन्य हिस्सों में भी इससे पीड़ित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और एफएटीएफ अभी भी 26/11 के भीषण हमलों में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों के पीछे लगे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जब राज्य स्वार्थ या उदासीनता के कारण ऐसे खतरों को नहीं पहचानते हैं, तो वे शांति के उद्देश्य को कमजोर करते हैं, उसे बढ़ावा नहीं देते हैं और आतंकवाद के पीड़ितों के साथ गंभीर अन्याय करते हैं।

बागची का यह बयान जर्मन और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर मुद्दे पर की गई टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों के जवाब में आया है।