भोपाल : वर्तमान में बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। इस वजह से मध्य प्रदेश में भारी वर्षा होने की संभावना कम है। हालांकि अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। ग्वालियर, चंबल एवं सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं झमाझम वर्षा हो सकती है।मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक इंदौर में चार, रायसेन में पांच, नर्मदापुरम, भोपाल में तीन, रतलाम एवं सिवनी में दो, धार में एक, मलाजखंड एवं छिंदवाड़ा में 0.8, जबलपुर में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई।मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में गुजरात के उत्तरी हिस्से पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। असम पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश से लेकर असम पर बने चक्रवात तक एक द्रोणिका बनी हुई है।मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने से प्रदेश में भारी वर्षा होने की संभावना नहीं है। हालांकि अब मानसून द्रोणिका बन गई है, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है। इस वजह से बुधवार को ग्वालियर, चंबल एवं सागर संभाग के जिलों में झमाझम वर्षा होने की संभावना है।मध्य प्रदेश से असम तक बनी द्रोणिका और गुजरात के पास बने चक्रवात के असर से भी वातावरण में लगातार नमी मिल रही है। इस वजह से पूरे प्रदेश में बादल छाए हुए हैं और सभी जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं।