चकरभाठा क्षेत्र में फारेस्ट गार्ड की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ढाई लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने एनजीओ के संचालक समेत चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। हिर्री क्षेत्र के अमसेना में रहने वाले रुद्र कुमार कौशिक ने बताया कि वे अपनी बुआ के घर बोदरी गए थे।

इसी दौरान वहां पर सेज बहार रायपुर निवासी ललीत कुमार केशरवानी और कोरबा स्थित रुलर हेल्थ स्कील डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के लैब संचालक डा. चंद्रप्रकाश प्रधान आए हुए थे। बातचीत के दौरान उन्होंने रुद्र से पढ़ाई के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने रुद्र को वन विभाग में गार्ड की नौकरी दिलाने की बात कही। उन्होंने बताया कि रुद्र के बुआ के बेटे की नौकरी भी एफसीआइ में लगवा रहे हैं। उनकी बातों में आकर रुद्र रुपये देने के लिए तैयार हो गए।

ललीत और डा. चंद्रप्रकाश प्रधान ने एक सप्ताह बाद ही रुद्र के पिता विजय कौशिक से मुलाकात की। उन्होंने फार्म भरवाने के बाद अभिरूप मंडल निवासी बेबी सन टावर रायपुर से मिलवाया। साथ ही ढाई लाख रुपये की मांग की। इस पर विजय ने रुपये का प्रबंध कर रायपुर पहुंचाने की बात कही।

बाद में उन्होंने रुपये का प्रबंध कर ललीत, अभीरूप मंडल, डा. चंद्रप्रकाश प्रधान, ललीत की पत्नी रजनी केशरवानी को दिए। इसी बीच रुद्र से मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा गया। इस पर रुद्र ने जिला अस्पताल से मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाकर दिया। रुपये मिलने के बाद वे जल्द नौकरी लगवाने का आश्वासन देते रहे। इसी बीच रुद्र के पते पर एक ज्वाइनिंग लेटर भी आया। इसे अभीरूप मंडल ने मंगवाकर अपने पास रख लिया।

इसी बीच लाकडाउन लग जाने के कारण ज्वानिंग नहीं होने की बात कहते हुए टालमटोल करने लगे। लाकडाउन खुलने के बाद भी वे अलग-अलग बहाने बनाते रहे। रुद्र ने अपने रुपये वापस मांगे तो सभी ने मोबाइल ही उठाना बंद कर दिया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।