भारत को विदेशी मुद्रा बाजार में उभरने वाली अस्थिरता का प्रबंधन करने के लिए कमर कसने की जरूरत है,क्योंकि देश रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा,आने वाले समय में बाजार तेजी से विकसित होंगे। इससे एक दूसरे से उनका जुड़ाव बढ़ेगा और उत्पादों का भी विस्तार होगा। ऐसे में भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स) के लिए नई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।भारतीय बैंक विदेश में अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं।

इससे नए मोर्चे पर उनको चुनौतियां मिलेंगी।मिस्र में फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राव ने कहा, घरेलू बाजार में अप्रवासियों की भागीदारी बढ़ रही है।इससे टेक्नोलॉजी बदल रही है जिससे काम करने के तरीके में भी बदलाव आ रहा है।विदेशी विनिमय बाजार के भागीदारों को इस बदलाव और संबंधित जोखिम के प्रबंधन के लिए तैयार रहना होगा।आरबीआई देश और दुनिया में मैक्रो वित्तीय माहौल में बदलाव को ध्यान में रखकर आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत है।

विदेशी मुद्रा बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर आरबीआई सरकारी बैंकों के जरिये हस्तक्षेप करता है।यानी अगर रुपया ज्यादा गिरा तो डॉलर बेचा जाता है और रुपया ज्यादा मजबूत होता है तो डॉलर खरीदा जाता है।अंतरराष्ट्रीयकरण के अपने लाभ हो सकते हैं, लेकिन इसके साथ जोखिम भी है।इसमें मुद्राओं में उतार-चढ़ाव का प्रबंधन करना प्राथमिकता होनी चाहिए।राव ने कहा कि भारतीय बैंक विदेशी बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं।हालांकि, कुछ देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू हुआ है।इसमें और देशों की भी दिलचस्पी दिख रही है, जिससे फायदा हो सकता है।

आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी ने एक कार्यक्रम में कहा, बैंकिंग प्रणाली में ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।समस्या के समाधान के लिए सभी संबंधित हितधारकों और उपभोक्ता जागरूकता पहलों के समन्वित प्रयासों की जरूरत है।ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए आरबीआई के माध्यम से कई पहल की गई हैं।जानकारी के अनुसार,27 फरवरी, 2023 से 9 मार्च, 2023 तक मुंबई पुलिस ने सैकड़ों फर्जी बैंक खातों के खोलने पर 80 एफआईआर दर्ज की है।