केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बदलेगी कैलकुलेशन! जानें कैसे मिलेगा फायदा...
सरकार की तरफ से 1 जनवरी से लागू होने वाले महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की घोषणा मार्च में कर दी गई है. इसके बाद मोदी सरकार की तरफ से अगला महंगाई भत्ता जुलाई से लागू किया जाना है. हो सकता है इसको लेकर सरकार की तरफ से ऐलान सितंबर के महीने में किया जाए.
महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन के तरीके में बदलाव!
सूत्रों का दावा है कि लेबर मिनिस्ट्री ने इस बार महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन में बदलाव किया है. मंत्रालय ने 2016 में महंगाई भत्ते के आधार वर्ष में बदलाव किया और मजदूरी दर सूचकांक (WRI-Wage Rate Inde) की नई सीरीज जारी की. लेबर मिनिस्ट्री ने कहा कि आधार वर्ष 2016=100 वाली WRI की नई सीरीज ने आधार वर्ष 1963-65 की पुरानी सीरीज को बदल दिया.
कैसे किया जाएगा कैलकुलेट
7वें वेतन आयोग के महंगाई भत्ते की गणना वर्तमान दर को मूल वेतन से गुणा करके की जाती है. प्रतिशत की वर्तमान दर 12% है, यदि आपका मूल वेतन 56,900 रुपये डीए (56,900 x12)/100 है. महंगाई भत्ता प्रतिशत = पिछले 12 महीनों के सीपीआई का एवरजे-115.76. अब, जो भी आएगा वह 115.76 से विभाजित होगा. जो संख्या आएगी वह 100 से गुणा की जाएगी.
महंगाई भत्ते पर लगेगा टैक्स?
महंगाई भत्ता पूरी तरह से टैक्सेबल इनकम है. देश में आयकर नियमों के तहत आयकर रिटर्न (ITR) में महंगाई भत्ते के बारे में अलग से जानकारी देनी होती है.
महंगाई भत्ता क्या है?
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सैलरी के तौर पर मिलने वाले पैसा का एक हिस्सा है. इसका मकसद बढ़ती महंगाई के हिसाब से बढ़ने वाली लागत की क्षतिपूर्ति करना है. सरकार की तरफ से केंद्रीय कर्मचारियों महंगाई भत्ता साल में दो बार (जनवरी और जुलाई) में बढ़ाने का प्रावधान है. पूरे देश में सरकारी कर्मचारियों का डीए एक जैसा नहीं है. यह नौकरी के स्थान, विभाग और अन्य बातों के अलावा सीनियरटी के आधार पर अलग-अलग हो सकता है.