सागर ।  व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर खुरई रोड स्थित अनाज तिलहन एवं व्यापारी संघ के सदस्यों द्वारा मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। मंडी में व्यापारियों की हड़ताल से यहां प्रतिदिन करीब तीन सौ ट्राली अनाज की खरीदी-बिक्री से पांच करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार प्रभावित हुआ। व्यापारियों की हड़ताल के चलते दिनभर मंडी परिसर में सन्नाटा पसरा रहा और किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडी के व्यापारियों से संपर्क करते रहे। मप्र सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक उज्जैन में प्रदेश सरकार की उदासीनता व मंडी बोर्ड की नियंत्रण व्यवस्था से परेशान होकर महासंघ ने चार सितंबर से प्रदेश की सभी मंडियों में व्यापार बंद कर विरोध जताने का निर्णय लिया गया है।

एक दिन में पांच करोड़ से ज्यादा का व्यापार ठप

अनाज तिलहन एवं व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेश साहू का कहना है कि मंडी में प्रतिदिन तीन सौ ट्राली तक विभिन्न प्रकार की जिंसों की आवक होती है। मंडी के व्यापारियों की हड़ताल के कारण लगभग पांच करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है।

सागर कृषि उपज मंडी में किसानों को उनकी उपज बिक्री के बाद सीधे नगद में भुगतान कर दिया जाता है, जिसके चलते सागर सहित आसपास के क्षेत्रों से भी किसान अपनी उपज सागर कृषि उपज मंडी में विक्रय करने के लिए पहुंचते हैं। यहां आकर कई किसानों को सूचना मिली कि मंडी बंद है जिससे कई किसान परेशान हुए। साहू ने कहा कि किसान भाइयों से अपील है कि वह हड़ताल समाप्त होने की जानकारी लेने के बाद ही मंडी आएं ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो सके।

कुछ वापस लौटे कुछ ने बाहर के दुकानदारों को विक्रय की उपज

मंडी के व्यापारियों ने दो दिन पहले ही हड़ताल की सूचना दे दी थी, लेकिन जानकारी के अभाव में कुछ किसान पहुंच गए और फिर कुछ तो अपनी उपज लेकर वापस निकल गए, लेकिन कुछ ने मंडी के बाहर एवं दूसरे व्यापारियों से फोन पर संपर्क करके अपनी उपज बेंच दी। हालांकि इस दौरान किसानों को ही थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है। किसान ललितपुर के किसान विजय पटेल का कहना है कि मैं ट्राली में अपनी उपज भरकर आया था, लेकिन यहां आकर पता चला कि व्यापारी हड़ताल पर हैं जिस कारण अब मैं अपनी उपज वापस लेकर जा रहा हूं।

दोपहर बाद पहुंचे कुछ व्यापारी पुराना काम निपटाते रहे

कुछ व्यापारी दोपहर के समय मंडी पहुंचे और यहां दुकानों व गोदाम में रखे अपने अनाज की छनाई, बोरों की सिलाई सहित अन्य जरूरी कामकाज निपटाते हुए नजर आए। व्यापारी मंडी परिसर में पहुंचे ही नहीं और मोबाइल से ही दूसरे व्यापारियों व अनाज-तिलहन एवं व्यापारी संघ के कार्यालय में संपर्क कर मंडी के माहौल की जानकारी लेते हुए नजर आए। वहीं व्यापारी ऋषभ जैन ने कहा कि मंडी के व्यापारी अनावश्यक टैक्स से परेशान हैं और व्यापारी महासंघ के आव्हान् पर हम सभी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखें हुए हैं। व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेश साहू का कहना है कि हमारी यह हड़ताल व्यापारी महासंघ के आगामी आदेश तक जारी रहेगी।

यह हैं मुख्य मांगें

- मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि पर भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम 2009 लागू नहीं किया जाए। कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों पर निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें की जाएं।

- मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए।

- निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए।

- मंडी अधिनियम की धारा19(2), 19(4), 46 (ड) एवं 46 (च) में संशोधन या विलोपन किया जाए।

- लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए।

- वाणिज्यिक संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारित फीस रूपये 25 हजार की वृद्धि समाप्त करें।

- मंडी समितियों को धारा 17(2)(चौदह) एवं 30 में प्रदत्त अधिकार/ शक्तियों यथावत रखें।

- लेखा सत्यापन/पुनः लेखा सत्यापन की कार्रवाई समाप्त करें।

- कृषक खरीदी प्रतिभूति बढ़ाने के दबाव पर रोक लगाएं।

- विक्रेता की जोखिम पेटे नवीन प्रतिभूमि जमा कराए पर जमा पुरानी प्रतिभूति एक निर्धारित अवधि में वापिस की जाना सुनिश्चत कराएं।

- धारा 23 अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित करने जांच दलों पर रोक लगाएं।