दमोह में बंजारा समुदाय के लोगों ने पारम्परिक वेशभूषा में मतदाता जागरूकता का संदेश दिया है। एक रैली के माध्यम से 26 अप्रैल को अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी और दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने इस लोकसभा चुनाव में मतदाता जागरूकता की ऐसी अलख जगाई है कि अब लोग भी आगे आने लगे हैं। कलेक्टर ने शहर के अलावा वनांचल में रहने वाले लोगों के बीच भी पहुंचकर अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की है। जिले का हर समुदाय का व्यक्ति इस बार मतदान को महत्व दे रहा है।

दमोह जिले के हटा ब्लाक के आदिवासी अंचल चोरईया ग्राम पंचायत के बंजारा टोला के लोगों ने मंगलवार को अपनी पारंपरिक वेशभूषा में गांव में घूमकर मतदान करने की अपील की है। यह वह समाज है जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहता है और इनके पास प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचता। जब कलेक्टर ने इसी तरह के वनांचल में रहने वाले लोगों के बीच जाकर मतदान का महत्व समझाते हुए मतदान की अपील की तो यह बंजारा समुदाय आगे आया। अपनी संस्कृति के अनुसार गीत गाकर मतदान करने के लिए अपने टोले के लोगों से आग्रह किया। सरपंच गोविंदी आदिवासी, सचिव स्वदेश त्रिपाठी,रोजगार सचिव राकेश यादव,पूर्व सरपंच खेमी बंजारा और अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति रही।

कलेक्टर को ग्रामीणों ने बताई परेशानी

एक दिन पहले ही कलेक्टर कोचर ने ग्राम हर्रई सिगौरगढ़, पांडाझिर और सैलवाड़ा मतदान केंद्र का जायजा लेकर गांव के बुजुर्ग मतदाताओं का पुष्पमाला पहनाकर शाल श्रीफल से सम्मान किया। मतदाता पर्चियों का वितरण किया। अपने भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि आगामी 26 अप्रैल को आप सभी ग्रामवासी मतदान करने अवश्य जायें, मतदान उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इसके बाद कलेक्टर ने ग्राम पांडाझिर मतदान केद्र के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने कलेक्टर से कहा कि मतदान केंद्र पाडाझिर के मतदाता रोजगार के साधन उपलब्ध न होने के कारण जबलपुर एवं अन्य जगहों पर रोजगार की तलाश में जाते हैं। ग्रामीणों ने स्कूल में शिक्षक न आने की बात भी कलेक्टर से कही। इसके अलावा गांव में पानी की समस्या के संबंध में भी चर्चा की।