रूस पर अमेरिका के वल्र्ड ट्रेड सेंटर जैसा हमला
मास्को। रूस के सारातोव में सोमवार को अमेरिका के वल्र्ड ट्रेंड सेंटर जैसा हमला हुआ है। एक ड्रोन सुबह 38 मंजिला रिहायशी इमारत वोल्गा स्काई से टकराया। इसमें 4 लोग घायल हुए। रूस ने इस हमले का आरोप यूक्रेन पर लगाया। इसके पलटवार में रूस ने यूक्रेनी शहर कीव, खार्कीव, ओडेसा और लीव समेत 12 शहरों पर सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं। हमला सुबह के वक्त ही हुआ है। यूक्रेनी एयरफोर्स के अधिकारियों ने बताया कि कीव पर अटैक टीयू-95 स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स, किंझल बैलिस्टिक मिसाइलें से किया गया। अभी तक एक रिहायशी इमारत के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
हमले में 4 लोगों के मौत होने की जानकारी भी सामने आई है। रूस का हमला यूक्रेन-पोलैंड के बॉर्डर के नजदीक हुआ है। पोलैंड के सैन्य अधिकारियों ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा कि, हमले के बाद पोलिश और उसके नाटो देशों के एयरक्राफ्ट्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
यूक्रेन के हमले में रूसी बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ। बिल्डिंग के नीचे खड़ी 20 से ज्यादा गाडिय़ों को नुकसान पहुंचा। एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सरातोव यूक्रेन सीमा से 900 किमी दूर है। इस हमले के बाद सभी तरह की एयर रूट पर रोक लगा दी गई है। एक रिपोट्र्स के मुताबिक रूस पर सोमवार को 20 ड्रोन से अटैक किया गया। इनमें सबसे ज्यादा 9 सरातोव में दागे। मॉस्को के गर्वनर ने हमले का आरोप यूक्रेन पर लगाया है। यूक्रेन ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। जानकारी के मुताबिक ड्रोन यूक्रेन की तरफ से दागा गया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक ड्रोन तेजी से वोल्गा स्काई बिल्डिंग की तरफ बढ़ रहा है और उसमें टक्कर मार देता है। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकियों ने इस तरीके से प्लेन क्रैश करवाए थे। आतंकियों ने 4 प्लेन हाईजैक किए थे। इनमें से 3 प्लेन एक-एक कर अमेरिका की 3 अहम इमारतों में क्रैश कराए गए। पहला क्रैश 8 बजकर 45 मिनट पर हुआ। बोइंग 767 तेज रफ्तार से वल्र्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से जा टकराया। 18 मिनट बाद एक दूसरा बोइंग 767 बिल्डिंग के साउथ टॉवर से जा टकराया था। जबकि एक प्लेन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया। चौथा प्लेन एक खेत में ही क्रैश हो गया। 9/11 हमले में 93 देशों के 3 हजार लोग मारे गए थे। इसे मानव इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला माना जाता है।