भोपाल । अस्पतालों की सेहत सुधारने के लिए भारत सरकार द्वारा 2016 से शुरू किए गए कायाकल्प पुरस्कार के लिए इस बार प्रदेश के 42 अस्पताल चुने गए हैं। पिछले साल सिर्फ 36 अस्पतलों को ही यह पुरस्कार मिला था। अन्य अस्पतालों को भी मिला लें तो इस बार 339 अस्पतालों को यह पुरस्कार मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 26 जुलाई को भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में इन पुरस्कारों का वितरण करेंगे। अस्पतालों में सफाई, संक्रमण रोकथाम, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य मापदंडों पर 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने पर यह पुरस्कार दिया जाता है। सबसे अधिक नंबर लाने वाले जिला अस्पताल को 50 लाख रुपये सम्मान राशि मिलती है। बड़ी बात यह है कि राजधानी का जिला अस्पताल होने के बाद भी जेपी अस्पताल पहले तीन अस्पतालों में शामिल नहीं है। पहले नंबर पर विदिशा, दूसरे पर देवास और तीसरे पर सतना है।

अभी इन मापदंडों पर होता है मूल्यांकन
कायाकल्प पुरस्कार के लिए छह श्रेणी में 250 बिन्दुओं पर मूल्यांकन किया जाता है। मरीज को अच्छा वातावरण, ओपीडी में सुविधाएं, जांच, दवा वितरण मे कम समय, बिल्डिंग का रखरखाव, संक्रमण रोकथाम व बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान, सहायक सेवाएं, मूलभूत सुविधायें,पेयजल, बैठक व्यवस्था शौचालय, पंखे, कूलर, एसी आदि की व्यवस्था व प्रोटोकाल देखा जाता है।

चार को एनक्यूएस प्रमाण पत्र भी मिलेगा
विदिशा, उज्जैन, सिवनी और सतना के जिला अस्पताल के अलावा सीएसचसी, पीएचसी और सिविल अस्पताल मिलाकर प्रदेश में 12 जिला अस्पतालों ने नेशनल क्वालिटी एश्यारेंस स्टैंडर्ड प्रमाण पत्र मिलेगा। इस मापदंड में 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले अस्पतालों को हर साल प्रति बिस्तर 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जेपी अस्पताल इससे भी बाहर है।