जल संवर्धन के साथ उसका संरक्षण आज की महती आवश्यकता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता ही सरकार की सबसे बड़ी ताकत है। जनता को साथ लेकर प्रदेश के चहुँमुखी विकास की ओर हम आगे बढ़ रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट निर्माण में भी प्रदेश की जनता को जोड़ते हुए उनसे सुझाव आमंत्रित किये गये। प्रदेश में सभी प्रमुख त्यौहार भी प्रदेशवासियों को साथ लेकर मनाने की शुरूआत की गई है। अब 30 मार्च से प्रारंभ हुए राज्य स्तरीय जल गंगा संवर्धन अभियान में भी जन-भागीदारी को प्राथमिकता के साथ जोड़ा गया है। जल संकट को दूर करने बारिश के जल को अधिक से अधिक संग्रहण करने 30 मार्च से प्रांत व्यापी “जल गंगा संवर्धन’’ अभियान की शुरूआत की गई है। यह अभियान 30 जून तक निरंतर जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “जल गंगा संवर्धन’’ अभियान का राज्य स्तरीय शुभारंभ महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट से किया गया। इसमें राज्यपाल मंगुभाई पटेल और केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री डॉ. अर्जुनराम मेघवाल भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश में वर्षा जल की बूंद-बूंद बचाने का "जल गंगा संवर्धन" महा अभियान ग्रीष्म ऋतु में 30 जून तक 90 दिन से अधिक समय तक लगातार चलेगा। इस दौरान प्रति दिन छोटी-बड़ी जल संरचनाएं निर्मित कर लोकार्पित की जाएंगी। जल संरक्षण के इस अभियान से प्रदेश के भू-जल स्तर में सुधार आएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों से मानवता ही नहीं समूची प्रकृति का जीवन अस्तित्व बचाए रखने के लिए पानी की बूंद-बूंद बचाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जन, जल, जंगल, जमीन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए संकल्पित है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जल संरक्षण अभियान देशभर में एक व्यापक जन-आंदोलन बन चुका है। राज्य सरकार भी 'खेत का पानी खेत में-गांव का पानी गांव में' के सिद्धांत पर जल संरक्षण की दिशा में अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि "जल गंगा संवर्धन अभियान" में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार का यह अभियान जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता देकर अधिक से अधिक लोगों को अभियान से जोड़ें। उन्होंने कहा कि "जल गंगा संवर्धन अभियान", प्रदेश में जल की प्रचुर उपलब्धता और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा।