भोपाल ।   इंटरनेट मीडिया का उपयोग विधि का ज्ञान बढ़ाने, साथियों और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां लेने, अच्छे कार्यों को करने में प्रयोग करना चाहिए। हमें इंटरनेट मीडिया पर दी जाने वाली प्रतिक्रियाओं पर ध्यान न देना चाहिए और विभिन्न घटनाओं पर इंटरनेट मीडिया के कमेंट पर प्रतिक्रिया देने से भी बचना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस अभय ओक ने यह बात कही। वह रविवार को रवीन्द्र भवन में मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ के दसवें द्विवर्षीय सम्मेलन के दूसरे एवं अंतिम दिन 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया का न्यायपालिका पर प्रभाव' विषय पर संबोधन दे रहे थे। इस कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ की वेबसाइट का अनावरण भी किया गया।

संभलकर करें एआइ का उपयोग

उन्होने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का उपयोग दैनिक न्यायालयीन कार्यों में एक सहायक की तरह करें। यह मानव मस्तिष्क, मानवीय संवेदनाओं को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग करते समय सावधानीपूर्वक कार्य करें। मप्र उच्च न्यायालय न्ययाधीश जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस विवेक रूसिया ने भी अपने अनुभवों को साझा करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग सावधानीपूर्वक और सहायक कार्यों में करने की सलाह दी।

पक्षकारों की पीड़ा का रखें ख्याल

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमठ ने कहा कि न्यायाधीशों को मेहनत और लगन और ईमानदारी से मानवीय संवेदनाओं के साथ कार्य करते हुए पक्षकारों की पीड़ा को विचार में लेने की अपेक्षा की। उन्होने कहा कि लंबित प्रत्येक मामला न्यायाधीशों के लिये एक ऋण की तरह है, जिसे न्यायाधीशों को त्वरित निराकृत कर विमुक्त होना चाहिये।

कार्यक्रम के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने वीडियो मैसेज के माध्यम से मध्यप्रदेश न्यायिक अधिकारी संघ को शुभकामनाएं देते हुए मध्यप्रदेश के न्यायाधीशों को उत्साहपूर्वक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। अंत में मध्यप्रदेश न्यायिक अधिकारी संघ के अध्यक्ष सुबोध जैन द्वारा माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति के प्रति आभार प्रकट करते हुए एक अनूठे कार्यक्रम के आयोजन के लिये न्यायाधीशों को बधाई दी और भविष्य में इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने के लिये न्यायाधीशों को प्रोत्साहित किया। इस सम्मेलन में मप्र उच्च न्यायालय के तीनों खंडपीठ के सभी न्यायाधीश उपस्थित थे। इसके अलावा जिला न्यायालय के लगभग 1500 न्यायाधीशों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।