भोपाल । एनजीटी ने एक बार फिर राजधानी की कलियासोत नदी के किनारे 33 मीटर के दायरे में आने वाले सभी निर्माण तोड़ने के आदेश दिए हैं। इस क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट और ओपन एरिया के तौर पर विकसित किए जाने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई से शपथ पत्र लिया है। वह 2 माह के अंदर सीमांकन कराकर अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। संभावना जताई जा रही है,कि एनजीटी के इस आदेश से लगभग 2000 से अधिक निर्माण प्रभावित होंगे।
एनजीटी सेंट्रल जोन के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर अफरोज अहमद की बेंच ने, सुभाष सी पांडे की याचिका पर यह अंतिम आदेश पारित किया है। प्रमुख सचिव नगरीय निकाय और कमिश्नर नगर निगम दोनों से एनजीटी ने शपथ पत्र ले लिए हैं।
इससे बिल्डरों में हड़कंप मच गया है। कलियासोत नदी के दोनों ओर  हजारों निर्माण टूटने की स्थिति में आ गए हैं। ऐसी स्थिति में अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही जा रही है। एनजीटी दो बार पहले भी आदेश जारी कर चुकी थी। लेकिन शासन और प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके कारण एनजीटी ने अब अधिकारियों से शपथ पत्र लिए हैं।
एनजीटी के इस आदेश से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हड़कंप मच गया है। कालियासोत नदी के दोनों किनारो पर नियमों का उल्लंघन कर,हजारों निर्माण कार्य पिछले वर्षों में कराए गए हैं। जिनकी लागत अरबो रूपया है। अब यहसभी निर्माण टूटने की कगार पर हैं। इस आदेश के बाद सारे बिल्डर इकट्ठे होकर अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। मंत्रालय में भी इस आदेश के बाद गहन मंथन शुरू हो गया है। सरकार भी एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।