नई दिल्ली । भाजपा और आप के बीच सियासी गतिरोध के चलते नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ रविवार को मेगा रैली की। रैली के दौरान  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। पंजाब सीएम मान ने पीएम मोदी पर तंज कसा कि अगर 2024 में बीजेपी चुनाव जीत गई तो तो देश का संविधान बदल दिया जाएगा। चुनाव नहीं होंगे और नरेंद्र मोदी नरेंद्र पुतिन बन जाएंगे। मान ने कहा कि  अब आदमी भी कहता है कि भाजपा का मतलब भारतीय जुगाड़ू पार्टी है। भगवंत मान ने कहा कि आज ये कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है। जनता तक ये बात पहुंचाना है, कैसे आपके अधिकारों को छीना जा रहा है। आप लाइन में लगकर वोट देते हैं और नेता चुनते हैं, लेकिन मोदी साहब और बीजेपी वाले चाहते ही नहीं हैं कि इनके अलावा किसी दूसरे की सरकार बन जाए। अगर चुनाव से बीजेपी की सरकार नहीं बनती है तो ये लोग पीछे के दरवाजे से बना लेते हैं। उसके विधायक खरीद लेते हैं, फिर उपचुनाव करवा लो, राज्यपाल को सुबह 4 बजे जगवा लो। एक बार सीएम को शपथ दिलवा दो, बाकी बाद में देख लेंगे, ये चल रहा है। 
सीएम मान ने कहा कि दिल्ली में आप की सरकार है, आपने केजरीवाल को सीएम चुना है। अगर वो काम नहीं कर पाएंगे, अधिकारियों को आदेश नहीं दे पाएंगे, भ्रष्ट अफसर नहीं बदल पाएंगे, उनको सस्पेंड नहीं कर पाएंगे तो सिस्टम कैसे चल पाएगा।
मान ने कहा कि बस हमारा ही अधिकार होगा। ये दिल्ली की 2 करोड़ जनता का सवाल नहीं है, ये देशभर के लोगों का सवाल है, यहां हर प्रदेश का नागरिक रहता है। दिल्ली देश का दिल है। इनकी ये हिम्मत- सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट देते हैं, मोदी जी, दरियाओं को रोका नहीं जा सकता है। दरिया अपना रास्ता खुद बना लेते हैं। हुकूमत वो करते हैं, जिनका दिलों पर राज होता है। यूं कहने को तो मुर्गे के सिर पर ताज होता है। केजरीवालजी दिलों पर राज कर रहे हैं, इसी प्यार की वजह से हमारे हौसले बुलंद हैं। हमें देशभर से समर्थन मिल रहा है। मान ने कहा कि हमारा राज्यपाल हमें बजट सेशन की अनुमति नहीं देता है। हमें सुप्रीम कोर्ट आना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बजट सेशन होगा, इजाजत दो। बजट सेशन से पहले मंत्रिमंडल की बैठक होती है। उसमें राज्यपाल को उपलब्धियां लिखकर भेजी गईं। राज्यपाल ने कहा कि मैं सदन में मेरी सरकार नहीं कहूंगा। मैंने सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दी। मजबूरी में उनको बोलना पड़ा। ये हर राज्य में अड़ंगा लगाते रहते हैं। ये लोकतंत्र को बचाने की रैली है।