उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में एक लड़की के अपहरण के बाद से यहां तनाव व्याप्त है। यहां समुदाय विशेष के व्यापारियों और स्थानीय लोगों के बीच विवाद होने से समुदाय विशेष के तीन व्यापारियों ने अपने कारोबार को समेटकर पुरोला छोड़ दिया है। हालांकि, पुरोला से लगी बड़कोट तहसील में उनकी दुकानें पूरी तरह खुली हैं। लेकिन हाल ही में कुछ अज्ञात लोगों की तरफ से लगाए पोस्टरों से भय व्याप्त हो गया है। पोस्टर में पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों को 15 तारीख तक दुकानें खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था। इस चेतावनी में दुकानें खाली न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां दी गई थी, जिससे समुदाय विशेष के लोगों में भय का माहौल है। हालांकि, पुलिस शांति बैठकों के माध्यम से दोनों समुदाय के बीच गतिरोध दूर करने की कोशिशों में जुटी है।डिप्टी एसपी सुरेंद्र सिंह भंडारी ने पलायन का खंडन करते हुए बताया कि बड़कोट में मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें खुली हैं। अगर कहीं दुकानें खाली करने का मामला होगा, तो यह स्वेच्छा से ही किया गया होगा। कुल मिलाकर हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। 
वहीं, पुरोला में अपनी दुकान खाली कर रही एक मुस्लिम ने बताया गया कि उसने देहरादून में नई दुकान ली है और वह खुद की इच्छा से पुरोला छोड़कर जा रही है। गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले की पुरोला नगर पंचायत में बीते दिनों पहले समुदाय विशेष के 2 युवक एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को भगाने की साजिश रचते पकड़े गए थे। हालांकि, कुछ स्थानीय युवकों ने नाबालिग को भागने से बचा लिया था। लेकिन इसके बाद उत्तरकाशी समेत आसपास के लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और देखते ही देखते बाहरी समुदाय विशेष के लोगों के खिलाफ पुरोला में प्रदर्शन शुरू हो गया, जो अब तक जारी है। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में लव जेहाद और लैंड जेहाद को बक्शा नहीं जाएगा। आज जिस प्रकार से प्रदेश मे अतिक्रमण हो रहा है, उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।