भोपाल  ।    व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापम) में हुए पीएमटी फर्जीवाड़े में व्हिसिल ब्लोअर की भूमिका निभाने वाले इंदौर के चिकित्सक डा. आनंद राय को राज्य शासन ने सोमवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। अभी वह निलंबित चल रहे थे। बीते वर्ष मार्च में शिक्षक पात्रता परीक्षा 2022 का प्रश्न पत्र कथित तौर पर लीक होने के मामले में मप्र पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। दरअसल, डा. राय ने अपने फेसबुक पेज पर पेपर लीक का एक स्क्रीन शाट लगाया था। इसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी लक्ष्मण सिंह का नाम लिखा था। इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर वार-पलटवार हुए थे। निलंबन अवधि में उन्हें संयुक्त संचालक कार्यालय रीवा में पदस्थ किया गया था, पर उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया। डा. राय 2013 में पीएमटी और प्रीपीजी में फर्जीवाड़ा उजागर करने के चलते चर्चा में आए थे। इसके बाद वह अलग-अलग कारणें से सुर्खियों में रहे। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने पिछले वर्ष उनकी पदस्थापना वाले हुकुमचंद अस्पताल मे जाकर जांच भी की थी। इसमें सामने आया था कि आनंद राय 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच छह दिन बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे। सेवा समाप्ति के आदेश में कहा गया है डा. राय पर आठ आरोप लगे थे। उन्हें कारण बताओ नोेटिस भी जारी किया गया था, पर उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। मध्‍य प्रदेश में सीधी भर्ती के बाद भी विशेषज्ञ च‍िकित्‍सकों के 24 सौ से अधिक पद रिक्त मध्‍य प्रदेश में सीधी भर्ती के बाद भी विशेषज्ञ च‍िकित्‍सकों के 24 सौ से अधिक पद रिक्त

जयस, ओबीसी महासभा और भीम आर्मी से जुड़े हैं डा. आनंद राय

डा. आनंद राय जय युवा आदिवासी संगठन (जयस), ओबीसी महासभा और भीम आर्मी से जुड़े हैं। वह इन संगठनों में रणनीतिकार की भूमिका में हैं। नईदुनिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। साथ ही सेवा समाप्ति के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है