न्यूयार्क । संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस ने कहा कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों ने सबसे गरीब लोगों को खतरे में डाल दिया है। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने असमानता, परमाणु हथियारों और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी जोर दिया। मार्कोस ने यूएनजीए के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर बात करने का समय काफी पहले बीत चुका है।
उन्होंने विकसित देशों से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने और विकासशील देशों की मदद करने का आह्वान किया। मार्कोस ने कहा जलवायु परिवर्तन का असर असमान है और ऐतिहासिक नाइंसाफी को दर्शाता है। जो इसके लिए सबसे कम कसूरवार हैं, वही सबसे ज्यादा मुश्किलें झेल रहे हैं। इस नाइंसाफी को खत्म किया जाना चाहिए और जिन्हें ज्यादा कदम उठाने की जरूरत है, उन्हें अब ऐसा शुरू कर देना चाहिए।
मार्कोस ने अपने संबोधन में कई बार अमीर और गरीब देशों के बीच के अंतर को रेखांकित किया, जिसमें इंटरनेट सेवा तक पहुंच से लेकर कोविड-19 महामारी से निपटने के उपाय तक शामिल हैं। मार्कोस ने कहा अमीर मुल्कों को गरीब और वंचित देशों की कीमत पर तत्काल टीके मिलें। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र परिसर में असमानता की तरफ इशारा करते हुए कहा दुनियाभर में हमारे चार्टर का उल्लंघन किया जा रहा है। मार्कोस ने परमाणु हथियारों की संख्या में कमी लाने और साइबर संसार व कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने को नियंत्रित करने के लिए नियम-कायदे बनाने पर भी जोर दिया।