इंदौर ।   प्रभारी मंत्री से मंजूरी ली, सामान की खरीदी के लिए टेंडर जारी किए लेकिन अब नहीं हो पाएंगे समारोह कोरोना के कारण दो साल से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह के सरकारी कार्यक्रम बंद हैं। तीसरे साल शासन-प्रशासन ने सामूहिक विवाह समारोहों की तैयारी शुरू की। इसके लिए इंदौर जिले में बाकायदा पंडित से मुहूर्त निकलवाकर 9, 11 और 22 जून को सामूहिक विवाह की तारीखें तय की थीं। दूसरी तरफ कन्याओं के लिए सामान खरीदने के टेंडर भी जारी कर दिए थे, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐनवक्त पर पंचायत चुनाव की घोषणा कर आचार संहिता लागू कर दी। ऐसे में जिला पंचायत और सामाजिक न्याय विभाग की तैयारी धरी रह गई। अब चुनाव होने तक सरकारी योजना में विवाह कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे।

कोरोना से उबरने के बाद हाल ही में शासन ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह (निकाह) योजना के तहत फिर सामूहिक विवाह कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी की थी। ऊपर से मिले निर्देशों के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने मुहूर्त निकलवाकर 9, 11 और 22 जून को सामूहिक विवाह की तारीखें तय कीं। साथ ही निकाह के लिए 15 जून की तारीख तय की। जिले के प्रभारी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इन तारीखों को मंजूरी दे दी थी। नगरीय क्षेत्र में नगर निगम, नगर परिषद और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायतों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के विवाह समारोहों के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है। योजना के तहत जिला पंचायत और सामाजिक न्याय विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी थी। विवाह समारोह में कन्याओं को दी जाने वाली घर-गृहस्थी की सामग्री की खरीदी के लिए टेंडर निकाल दिए थे। तय तारीखों के अनुसार धीरे-धीरे तैयारी आगे बढ़ रही थी कि 27 मई को पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद सारी तैयारी जहां की तहां रुक गई है।

अब देवउठनी एकादशी के बाद ही हो पाएंगे विवाह

हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी के बाद विवाह जैसे मंगल कार्य नहीं किए जाते। इस बार 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी आ रही है, यानी इसके बाद विवाह कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे। दूसरी तरफ पंचायत चुनाव के परिणाम की घोषणा 14-15 जुलाई को की जाएगी। तब तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी। यदि इस बीच नगरीय निकाय चुनाव भी घोषित हो गए तो नगरीय क्षेत्र में इसकी आचार संहिता भी लागू रहेगी। इस तरह आचार संहिता की अवधि खत्म होने से पहले ही देव सो जाएंगे और चुनाव बाद भी शादियां नहीं हो पाएंगी। ऐसे में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में भी विवाह कार्यक्रम देवउठनी एकादशी के बाद ही हो पाएंगे, जो दीपावली के बाद आएगी।